Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
जन संयोग यात्रा के छठवें दिन अभिषेक बनर्जी ने मयनागुड़ी, राजगंज और जलपाईगुड़ी सहित देबग्राम,फुलबाड़ी में सभाओं को संबोधित किया।
प्रकाश चंद्रा । जलपाईगुड़ी, 29 अप्रैल। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की जन संयोग यात्रा जनज्वार लगातार सफलता के शिखरों पर पहुंचती जा रही है। जन संयोग यात्रा के छठवें दिन अभिषेक बनर्जी ने मयनागुड़ी, राजगंज और जलपाईगुड़ी सहित देबग्राम,फुलबाड़ी में सभाओं को संबोधित किया। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पंचायत चुनाव को भलीभांति कैसे कराया जाए इस को लेकर चुनाव आयोग जो भी फैसला लेगी उसे हम लोग मानेंगे लेकिन उससे पहले पंचायत चुनाव में कौन-कौन से उम्मीदवार चुनाव में उतारे जाएं इसको लेकर तृणमूल ने जो फार्मूला बनाया है उससे कहीं ना कहीं राज्य और सभी पंचायतों को बहुत ही फायदा पहुंचने वाला है। हम लोगों ने ग्रामबांग्लार मतामत कार्यक्रम शुरू करके लोगों तक यह बताने की कोशिश की है कि पारदर्शिता का दूसरा नाम तृणमूल कांग्रेस है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि आप लोगों से मैं मिलने आया हूं।
कूचबिहार से यह जनसंयोग यात्रा का काकद्वीप तक ही जाकर खत्म होगी। उसके पहले मैं कोलकाता नहीं लौटूंगा। लेकिन एक बात बताना आप लोगों को जरूरी है कि 2 करोड़ 65 लाख लोगों का पैसा केंद्र सरकार मारकर बैठी है। बार-बार चि_ी और शिकायत पत्र देकर भी कोई फायदा नहीं हुआ है। अब मुझे समझ में आ गया है कि मुझे क्या करना है। मैंने फैसला कर लिया है एक करोड़ चि_ी और साथ में 2 लाख लोगों को लेकर मैं दिल्ली में अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन करने जाऊंगा। 60 दिन का जन सहयोग यात्रा खत्म होते हैं मैं दिल्ली के लिए कूच करूंगा। 2 लाख लोग अगर दिल्ली के सीने पर चढक़र अपना पैसा मांगते हैं तो केंद्र सरकार के पास कोई भी उपाय नहीं बचेगा।
उन्होंने कहा कि जानबूझकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बंगाल का मनरेगा का पैसा नहीं देने का फैसला किया है। आश्चर्य इस बात का है कि देश में दूसरा ऐसा कोई राज्य नहीं जिसके मनरेगा का पैसा बाकी है। हम लोगों ने कई बार चिठ्ठी लिखी, कई बार शिकायत पत्र दिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कई बार प्रधानमंत्री को इस बारे में अवगत कराया लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कारण हम लोग जानते हैं कि 2021 में जिस प्रकार से भाजपा चुनाव में हम लोगों से हार गई उसकी राजनीतिक दुश्मनी वह आम लोगों से निकाल रही है। पश्चिम बंगाल के लोग ममता बनर्जी के साथ हैं।
पश्चिम बंगाल के लोग तृणमूल के साथ हैं। हम लोग जानते हैं कि आप लोग चाहे कुछ भी हो जाए हमारा साथ नहीं छोड़ेंगे। जानबूझकर नरेंद्र मोदी सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों का पैसा नहीं दे रही। लेकिन मैंने भी संकल्प कर दिया है कि जब तक आपकी झोली में 100 दिनों का पैसा नहीं पहुंचा दूंगा तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा।उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर 2 लाख से ज्यादा लोग इक_ा करके मैं दिल्ली को जाम कर दूंगा। दिल्ली में अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटूंगा। सरकार हमें कमजोर ना समझे। आंख दिखाने की कोशिश ना करें। हम लोग आंदोलन में जन्में हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना सारा जीवन आंदोलन में ही बिता दिया। जनता के स्वार्थ के लिए उन्होंने अपने स्वार्थ की चिंता नहीँ की। केंद्र ना समझे कि वह मनमानी करेगी और हम लोग चुपचाप सह लेंगे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के मनरेगा के पैसे क्यों रिलीज किए गए। पश्चिम बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मोदी सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। जब हम लोगों ने 5 अप्रैल को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के दफ्तर उनसे पूछने तो कह दिया गया कि वे बिहार चले गए हंै। ऐसा कब तक चलेगा। वह कब तक बिहार भागेंगे। हमारी पार्टी का नाम तृणमूल कांग्रेस है अगर केंद्र सरकार के पीछे पड़ जाए तो उसका जीना भी हराम कर सकते हैं । लेकिन हम लोग सौजन्यता की राजनीति पर विश्वास करते हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा की जो इकाई पार्टी है वह दिन-रात तृणमूल को कोसने में ही अपना सारा दिन व्यतीत करती है। लेकिन आश्चर्य है कि जनता ही उसे जवाब देती रही है। तृणमूल को जवाब देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि आप सभी को याद होगा कि 2021 के चुनाव में भाजपा को जब यहां से मुंह की खानी पड़ी थी उसके बाद ?5 पेट्रोल और डीजल पर कम कर दिए गए थे लेकिन क्या कभी और किसी चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल पर पैसा कम किया गया है। इसका कारण स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल सरकार से केंद्र सरकार डरती है। कहीं न कहीं केंद्रीय जानती है कि बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहे तो कभी भी केंद्र की नाक में दम कर सकती है। अब समय आ गया है जब दिल्ली कूच करना होगा।आप लोग अपना माइंड मेकअप कर ले मैं एक करोड़ चि_ी लेकर 2 लाख लोगों को लेकर दिल्ली को जाम कर दूंगा।
दिल्ली में अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन कर दूंगा। केंद्र ना समझे कि हम लोग चुपचाप बैठे हुए हैं।आम आदमी का पैसा अगर नहीं मिला तो हम लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे। 100 दिन के मनरेगा का पैसा अभी तक हमारे हाथों में नहीं दिया। क्यों उन लोगों को नहीं समझा जा रहा है जो लोग कड़ी मेहनत करके कड़ी धूप में बारिश में 100 दिनों का काम करते रहे। उन्हें कुछ पैसा मिलेगा तो भी अपना कुछ काम कर सकेंगे। लेकिन उन्हें पैसा नहीं दिया गया। जानबूझकर पैसा रोक दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में कुछ नहीं कहते। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह बचते फिरते हैं। लेकिन अब समय आ गया है जब दिल्ली जाकर आंदोलन तेज करना होगा। अब समय आ गया है जब दिल्ली के सीने पर आंदोलन करना होगा।
उन्होंने कहा कि मेरा नाम अभिषेक है मैं जो कहता हूं वह करता हूं। मैं चि_ी लेकर दिल्ली जाने का प्लान कर चुका हूं। आप लोगों का साथ चाहिए। साथ मांगने के लिए मैं जिलों जिलों में घूम रहा हूं। पंचायतों में ग्राम बांग्ला कार्यक्रम कर रहा हूं। अधिवेशन के माध्यम से आप लोगों को टटोलना चाहता हूं। आपसे बातचीत करना चाहता हूं। मैं प्रतिदिन रात को आप लोगों के साथ खाना खाता हूं। इसलिए क्योंकि आपके साथ समय व्यतीत करना मुझे अच्छा लगता है। मैंने 60 दिन बाहर रहने का प्रण किया है 25 जून को ही मैं घर लौटूंगा। अगर केंद्र यह समझता है कि 60 दिनों के कायक्रम के बाद अभिषेक बनर्जी चुप होकर बैठ जाएगा तो वे सुन लें जल्दी दिल्ली जाऊंगा और सरकार के सीने पर चढक़र बंगाल के 100 दिनों का पैसा लाऊंगा।
शंाति का संदेश, उड़ाये गये जोड़ा सफेद कबूतर
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी जनसंयोग यात्रा के पांचवें दिन जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी, राजगंज, फूलबाड़ी पहुंचे। सुबह मयनागुड़ी के सुप्रसिद्ध जटिलेश्वर मंदिर में जाकर अभिषेक बनर्जी ने पूजा अर्चना की और बंगाल के लिए मंगलकामना की। वहीं इससे पहले जिसे के प्रारंभिक दौरे पर उन्होंने चेकेन्दा भंडार मंदिर में पूजा अर्चना की एवं जाति, धर्म, वर्ण को एक विशेष संदेश देते हुए जोड़ा सफेद कबूतरों को उड़ाया। अभिषेक बनर्जी की इस पहल का मयनागुड़ी क्षेत्र में जमकर जयजयकार हुई। लोगों ने कहा कि ऐसा युवा नेता हमलोगों ने नहीं देखा है जो सभी धर्म, जाति समुदाय का इतना ख्याल रखता है। पूजा खत्म करने के बाद अभिषेक बनर्जी ने वहां खड़े लोगों के साथ हाथ मिलाया, फोटो खिंचवाई और उनकी समस्याओं को सुना। अभिषेक को देखने के लिए मयानागुड़ी क्षेत्र में भारी भीड़ जुटी थी।
अभिषेक को मिल रहा है जबर्दस्त जनसमर्थन
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को जनसंयोग यात्रा के दौरान जबर्दस्त जनसमर्थन मिल रहा है। अभिषेक बनर्जी जहां भी जा रहे हैं वहां लोगों की भीड़ इस बात का सबूत है कि वे अपने जनप्रिय नेता को देखने के लिए घंटों लाईन में खड़े रह सकते हैं। अभिषेक भी उनके साथ जोश खरोश के साथ मिल रहे हैं एवं उनके शिकायत पत्र को भी इकट्ठे करते जा रहे हैं। जलपाईगुड़ी जिले में अभिषेक जब यात्रा पर निकले तो मयनागुड़ी से लेकर फूलबाड़ी तक लोगों का तांता लगा रहा। अभिषेक बनर्जी ने भी किसी को निराश नहीं किया। कभी गाड़ी का शीशा उतारकर लोगों का हाथ हिलाकर अभिनंदन किया तो कभी गाड़ी से उतरकर लोगों का स्वागत स्वीकार किया।
अभिषेक का फूलबाड़ी में फूलों से स्वागत
अभिषेक बनर्जी का जलपाइगुड़ी के फूलबाड़ी में फूलों से स्वागत किया गया। अभिषेक बनर्जी जब अधिवेशन कैंप में भाग लेने के लिए फूलबाड़ी पहुंचे तो देखा वहां लोग पहले से ही गाजे बाजे के साथ फूलों के गुलदस्ता और पुंखडिय़ां लेकर तैयार थे। अपने नेता को देखकर लोग उत्साहित हो गये। अभिषेक भी गाड़ी से उतरकर उनके पास पहुंचे। कैंप के बाहर अभिषेक बनर्जी का खूब स्वागत किया गया एवं फूलों की जैसे बारिश कर दी गई। अभिषेक बनर्जी ने सभी का स्वागत स्वीकार किया और कहा कि मैं आपसे मिलने ही फूलबाड़ी आया हंू। हमलोगों के बीच हरवो बात, हर उस समस्या पर चर्चा होगी जो आपसे जुड़ी है, जो जमीन से जुड़ी है।